तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥ तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।। स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब https://cesarvwfch.wikiexcerpt.com/3090609/shiv_chalisa_lyrics_in_gujarati_pdf_an_overview